
भारतीय भाषांमध्ये मराठी ही एक समृद्ध आणि सशक्त भाषा मानली जाते. मराठीचे शिक्षण घेण्याची सुरुवात होते ती बाराखडी
बाराखडी म्हणजे काय?
बाराखडी म्हणजे व्यंजनांना स्वरांची चिन्हे लावून तयार होणारे अक्षर समूह. मराठी वर्णमालेत एकूण ३६ व्यंजने आणि १२ स्वर आहेत. बाराखडीमध्ये प्रत्येक व्यंजनाला अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः या बारा स्वरांची चिन्हे लावून नवीन अक्षरे तयार केली जातात. ( बाराखडी = एक व्यंजन (Consonant) आणि सर्व स्वर (Vowels) यांचा संयोग. )
उदाहरणार्थ, ‘क’ या व्यंजनाची बाराखडी खालीलप्रमाणे:
- क + अ = क
- क + आ = का
- क + इ = कि
- क + ई = की
- क + उ = कु
- क + ऊ = कू
- क + ए = के
- क + ऐ = कै
- क + ओ = को
- क + औ = कौ
- क + अं = कं
- क + अः = कः
हीच पद्धत इतर सर्व व्यंजनांसाठीही लागू होते – जसे की ‘ख’, ‘ग’, ‘घ’, ‘च’, ‘ज’, ‘ट’, ‘ठ’, ‘ड’, ‘ण’, ‘त’, ‘थ’, ‘द’, ‘न’, ‘प’, ‘फ’, ‘ब’, ‘भ’, ‘म’, ‘य’, ‘र’, ‘ल’, ‘व’, ‘श’, ‘ष’, ‘स’, ‘ह’, ‘ळ’.
मराठी बाराखडी: स्वर आणि व्यंजन ( मराठी मुळाक्षरे )
स्वर | अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ए | ऐ | ओ | औ | अं | अः |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
क | क | का | कि | की | कु | कू | के | कै | को | कौ | कं | कः |
ख | ख | खा | खि | खी | खु | खू | खे | खै | खो | खौ | खं | खः |
ग | ग | गा | गि | गी | गु | गू | गे | गै | गो | गौ | गं | गः |
घ | घ | घा | घि | घी | घु | घू | घे | घै | घो | घौ | घं | घः |
च | च | चा | चि | ची | चु | चू | चे | चै | चो | चौ | चं | चः |
छ | छ | छा | छि | छी | छु | छू | छे | छै | छो | छौ | छं | छः |
ज | ज | जा | जि | जी | जु | जू | जे | जै | जो | जौ | जं | जः |
झ | झ | झा | झि | झी | झु | झू | झे | झै | झो | झौ | झं | झः |
ट | ट | टा | टि | टी | टु | टू | टे | टै | टो | टौ | टं | टः |
ठ | ठ | ठा | ठि | ठी | ठु | ठू | ठे | ठै | ठो | ठौ | ठं | ठः |
ड | ड | डा | डि | डी | डु | डू | डे | डै | डो | डौ | डं | डः |
ढ | ढ | ढा | ढि | ढी | ढु | ढू | ढे | ढै | ढो | ढौ | ढं | ढः |
ण | ण | णा | णि | णी | णु | णू | णे | णै | णो | णौ | णं | णः |
त | त | ता | ति | ती | तु | तू | ते | तै | तो | तौ | तं | तः |
थ | थ | था | थि | थी | थु | थू | थे | थै | थो | थौ | थं | थः |
द | द | दा | दि | दी | दु | दू | दे | दै | दो | दौ | दं | दः |
ध | ध | धा | धि | धी | धु | धू | धे | धै | धो | धौ | धं | धः |
न | न | ना | नि | नी | नु | नू | ने | नै | नो | नौ | नं | नः |
प | प | पा | पि | पी | पु | पू | पे | पै | पो | पौ | पं | पः |
फ | फ | फा | फि | फी | फु | फू | फे | फै | फो | फौ | फं | फः |
ब | ब | बा | बि | बी | बु | बू | बे | बै | बो | बौ | बं | बः |
भ | भ | भा | भि | भी | भु | भू | भे | भै | भो | भौ | भं | भः |
म | म | मा | मि | मी | मु | मू | मे | मै | मो | मौ | मं | मः |
य | य | या | यि | यी | यु | यू | ये | यै | यो | यौ | यं | यः |
र | र | रा | रि | री | रु | रू | रे | रै | रो | रौ | रं | रः |
ल | ल | ला | लि | ली | लु | लू | ले | लै | लो | लौ | लं | लः |
व | व | वा | वि | वी | वु | वू | वे | वै | वो | वौ | वं | वः |
श | श | शा | शि | शी | शु | शू | शे | शै | शो | शौ | शं | शः |
ष | ष | षा | षि | षी | षु | षू | षे | षै | षो | षौ | षं | षः |
स | स | सा | सि | सी | सु | सू | से | सै | सो | सौ | सं | सः |
ह | ह | हा | हि | ही | हु | हू | हे | है | हो | हौ | हं | हः |
ळ | ळ | ळा | ळि | ळी | ळु | ळू | ळे | ळै | ळो | ळौ | ळं | ळः |
क्ष | क्ष | क्षा | क्षि | क्षी | क्षु | क्षू | क्षे | क्षै | क्षो | क्षौ | क्षं | क्षः |
ज्ञ | ज्ञ | ज्ञा | ज्ञि | ज्ञी | ज्ञु | ज्ञू | ज्ञे | ज्ञै | ज्ञो | ज्ञौ | ज्ञं | ज्ञः |
त्र | त्र | त्रा | त्रि | त्री | त्रु | त्रू | त्रे | त्रै | त्रो | त्रौ | त्रं | त्रः |
श्र | श्र | श्रा | श्रि | श्री | श्रु | श्रू | श्रे | श्रै | श्रो | श्रौ | श्रं | श्रः |
बाराखडीचे महत्त्व काय आहे?
- वाचन आणि लेखन सुधारते: बाराखडी शिकल्याने तुम्हाला शब्दांचे अचूक वाचन आणि लेखन करता येते.
- उच्चार स्पष्ट होतात: प्रत्येक अक्षराचा योग्य उच्चार कसा करायचा हे बाराखडीमुळे समजते, ज्यामुळे तुमची उच्चारक्षमता सुधारते.
- भाषेचा पाया मजबूत होतो: मराठी भाषा शिकण्यासाठी बाराखडी हा पहिला आणि महत्त्वाचा टप्पा आहे. हा पाया मजबूत झाल्याने तुम्हाला पुढील व्याकरण शिकणे सोपे जाते.
- आत्मविश्वास वाढतो: एकदा बाराखडीवर प्रभुत्व मिळवले की मराठी वाचण्याचा आणि लिहिण्याचा आत्मविश्वास वाढतो.
बाराखडी कशी शिकायची?
- ओळख करून घ्या: सुरुवातीला सर्व व्यंजने आणि स्वर यांची ओळख करून घ्या.
- उच्चार सराव: प्रत्येक अक्षर आणि त्याचे उच्चार वारंवार बोलून सराव करा. मोठ्याने वाचण्याचा सराव केल्याने उच्चार स्पष्ट होतात.
- पाठांतर: प्रत्येक व्यंजनाची बाराखडी पाठांतर करा. यासाठी तुम्ही चार्ट किंवा फ्लॅशकार्ड्स वापरू शकता.
- चित्र आणि खेळांचा वापर: लहान मुलांना शिकवताना चित्रांचा किंवा खेळांचा वापर करा. यामुळे शिकणे अधिक मनोरंजक होते.
- लिखाणाचा सराव: केवळ वाचूनच नव्हे, तर प्रत्येक अक्षर लिहून सराव करा. रोजच्या सरावाने अक्षर गिरवणे सोपे होईल.
- नियमितता: दररोज थोडा वेळ बाराखडी शिकण्यासाठी द्या. सातत्य ठेवल्यास लवकरच तुम्हाला बाराखडीवर प्रभुत्व मिळेल.
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