गणपती आरती | सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची गणपती आरती
महाराष्ट्राचे आराध्य दैवत श्रीगणेशाचे 10 सप्टेंबर रोजी आगमन होणार आहे. दरम्यान गणपतीला प्रसन्न करण्यासाठी गणेश भक्त गणेशाची पूजा करतात. त्यांना शेंदूर, दुर्वा, नैवेद्य अर्पण करतात. त्यांची आरती गातात. त्यातील काही प्रसिद्ध आरत्या आम्ही घेऊन आलो आहोत.
सुखकर्ता दुखहर्ता गणपती आरती
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मन कामनांपुरती॥ जय देव…
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा।
हिरेजड़ित मुकुट शोभतो बरा।
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरीया॥ जय देव…
लंबोदर पीतांबर फणीवर बंधना।
सरळ सोंड वक्रतुण्ड त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना।
संकष्टी पावावें, निर्वाणी रक्षावे,
सुरवरवंदना॥ जय देव…
इतर गणपती आरत्या
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ||
अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया
सूर श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ||
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ||
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको।
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि।
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी।
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि ॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥
भावभगत से कोई शरणागत आवे।
संतती संपती सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे।
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे ॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥